मुझे अच्छा नहीं लगता... !

मुझे अच्छा नहीं लगता !

जब लब पर दिल की बात न हो
जब सीने में जज़्बात न हो
जब हाथ में तेरा हाथ न हो
जब काबू में हालात न हो
मुझे अच्छा नहीं लगता.... !

 आँखों में फरेब के बादल हो
जो सच बोले..वो पागल हो
हर कोई झूठ का कायल हो
जब प्यार में कोई घायल हो
मुझे अच्छा नहीं लगता... !

जहाँ प्यार किसी को रास न हो
बिन लालच के कोई पास न हो
उम्मीद न हो..कोई आस न हो
इक दूजे पर विश्वास न हो
मुझे अच्छा नहीं लगता... !

जो न सोचो वो हो जाए
जब टूट को ख्वाब बिखर जाए
कोई अपना हक़ न पाए
जब 'अच्छे दिन' भी न आए
मुझे अच्छा नहीं लगता... !

        -- दीपक शर्मा 'सार्थक











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