शिव स्तुति
ॐ तत् क्षण धरत करन अरचत जल ।।
गज नग सघन कनक दरखत दर ।।
तरल नयन धन धरत अधर तल ।।
करतल करतब सरल गरल धर ।।
अटत गहन घन रटत अजर जस ।।
नगन सजत रज रचत अचल वर ।।
कहत दहत अध दरसत दरसन ।।
दरद न रहत कहत नर हर हर ।।
( रावण)
गज नग सघन कनक दरखत दर ।।
तरल नयन धन धरत अधर तल ।।
करतल करतब सरल गरल धर ।।
अटत गहन घन रटत अजर जस ।।
नगन सजत रज रचत अचल वर ।।
कहत दहत अध दरसत दरसन ।।
दरद न रहत कहत नर हर हर ।।
( रावण)
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