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क्या हो गया है शब्दो को ? एकदम खोखले..संवेदनहीन बूढ़े..जर्जर जैसे दिवालिया हो गए हैं ! क्या हो गया है शब्दो को ? न जज़्बात न वेदना न उत्साह न अपनापन जैसे मर से गए हैं ! क्या हो गया है...

बड़ी ख़बर

पतंजलि राइस सबसे नाइस, देश के हर कोने से सर्वश्रेष्ठ चावलो का कलेक्सन प्रस्तुत करते हैं "बड़ी ख़बर !" पावर्ड बाई..प्लास्टो टैंक.." प्लास्टो है तो गारन्टी है !" "दिव्या बोले तो परफ...

जाने क्यों, बदले-बदले से लगते हो !

जाने क्यों,बदले-बदले से लगते हो ! न वो मोहोब्बत है न ही वो चाहत है न वो सुकूं है न ही वो राहत है न कोई शिकवा है न ही शिकायत है न वो कशिश है न वो शरारत है जाने क्यों, बदले बदले से लगते ह...
बहुत सलीके से करते हैं एकदम व्यवस्थित..आर्गनाइज़्ड ! कहीं कोई जान न जाए भीतर के अहसास कहीं जाहिर न हो जाए दिल की ख्वाहिशे बहुत सख़्त रखते हैं चहेरा एकदम सपाट..हार्ड ! कहीं दिख ...
दो-चार झूठ चार-पांच धोखे सात-आठ ज़ख्म और बन गया वजूद मेरा ! ढेले भर अकल दो टके समझ रत्ती भर सबर और बस गया शहर मेरा ! थोड़ी सी बेचैनी हल्की सी चुभन ज़रा सी तड़प और कट गया सफर मेरा !

दुनियांदारी

दुनियां, क्या हो गया है तुमको ! ख़ुद में ही बस मगन.. ख़ुद की ही बस लगन.. ख़ुद के लिए जतन.. ख़ुद किया पतन.. दुनियां, क्या मिल गया है तुमको ! अपनी ही बस फ़िकर.. अपनो से बेख़बर.. अपना ही बस सफर.. ...

एक वार्तालाप

सरकार- "यार ये पेंशनविहीन कर्मचारी अपनी पेंशनबहाली का मुद्दा लेकर बहुतै कुलबुला करे हैं।" चुनाव विश्लेषक- "अरे काहे परेशान होते हैं नेताजी ! ई लोग कुच्छौ नहीं कर पाएंगे।" सर...