क्या हो गया है शब्दो को ?
एकदम खोखले..संवेदनहीन
बूढ़े..जर्जर
जैसे दिवालिया हो गए हैं !
क्या हो गया है शब्दो को ?
न जज़्बात न वेदना
न उत्साह न अपनापन
जैसे मर से गए हैं !
क्या हो गया है शब्दो को ?
पूरे बनावटी..कृतिम
हाइब्रिड..क्लोन
जैसे बिना रूह के हो गए हैं !
क्या हो गया है शब्दो को ?
हरदम झूठ..फरेब
रूखे..प्रोफेशनल
जैसे गिरवी हो गए हैं !
क्या हो गया है शब्दो को ?
© दीपक शर्मा 'सार्थक'
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