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कहां बचने का चारा है !

दरख़्तों को है जो काटे उसे मालूम भी है क्या ? किसी ने प्यार से उसको कभी सींचा सवांरा है ! ज़माने भर की दौलत से नहीं मिटती हवस अक्सर कोई दो जून की रोटी में कर लेता गुज़ारा है ! बड़...

आॅनलाइन

आजकल हर किसी के मुह से एक शब्द जो बार-बार सुनने को मिलता है..वो है 'आॅनलाइन' अगर कहा जाए कि आॅनलाइन होने का अर्थ ..जीवित होना है, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। और वो भी दिन दूर ...

वाह रे बाज़ार !

सलमान ख़ान अपनी मूवी में डायलाॅग मारते हैं( हमारे हीरो डायलाॅग कहते नहीं..बल्कि मारते हैं)- "मुझपे एक अहसान करना ..कि मुझपे कोई अहसान मत करना !" यानि कि अब वो  ज़माना बदल गया जब मद...

कुछ मुहाबरे

हिन्दी के कुछ मुहाबरे एवं उनका वाक्य प्रयोग- १-गुड़ गोबर होना वाक्य प्रयोग-'नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था गुड़ गोबर हो गयी है।' 2-नीम हक़ीम खतरे में जान वाक्य प्रयोग-'अर्थव...

सफेद झूठ अच्छा है !

बहुत काले सच से सफेद झूठ अच्छा है ! ख़ैरात के अमृत से ज़हर का घूट अच्छा है! जातीय गोलबंदी से आपस में फूट अच्छा है! दिखावटी ईमानदारी से खुली लूट अच्छा है! विदेशी पहनावे से देसी ...

चलो मान लिया !

तुम ही गए हो जीत नफ़रत की जंग में मेरी हुई है हार चलो मान लिया ! हमने कि मोहोब्बत हमने कि इबादत हम ही हैं गुनहगार चलो मान लिया ! इक रोज गले से हमको लगाओगे अब तक था इन्तज़ार चलो मा...
मुख़ातिब हो के ग़ैरों से कभी दिल की कही है क्या किया जाहिर नहीं ख़ुद को कसक दिल में नहीं है क्या दमन करके मोहब्बत का मिटाके ख़्वाहिशे अपनी सदा उलझे रहे इसमे ग़लत क्या है सह...