कुछ मुहाबरे
हिन्दी के कुछ मुहाबरे एवं उनका वाक्य प्रयोग-
१-गुड़ गोबर होना
वाक्य प्रयोग-'नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था गुड़ गोबर हो गयी है।'
2-नीम हक़ीम खतरे में जान
वाक्य प्रयोग-'अर्थव्यवस्था के बारे में बिना जाने समझे उसकी सर्जिकल डिलीबरी(नोटबंदी) कर दी,सही ही कहा गया है..नीम हक़ीम ख़तरे में जान।'
3-हाँथ-पैर फूलना
वाक्य प्रयोग-'बिना बिचारे नोटबंदी जैसा कदम उठाने के बाद "भाईयों और बहनों" की दुर्दशा और ग़ुस्सा देख कर साहब के हांथ-पैर फूल गए।'
4- अपना उल्लू सीधा करना
नोटबंदी से उपजे रोष का फायदा उठाकर कांग्रेस पार्टी अपना उल्लू(राहुल तथाकथित गांधी) सीधा करना चाहती है।'
5-आग लगाकर पानी को दौड़ना
वाक्य प्रयोग-बिना तैयारी के नोटबंदी लागू करने के बाद उपजी अव्यवस्था को काबू करने के लिए सरकार हड़बड़ाहट में रोज उल्टे-सीधे क़दम उठा रही है इसे ही आग लगाकर पानी को दौड़ना कहते हैं।'
6-फूलकर कुप्पा होना
वाक्य प्रयोग-'8 नवम्बर को नोटबंदी का निर्णय सुनकर भक्त फूलकर कुप्पा हो गए।'
7-साँप सूंघ जाना
वाक्य प्रयोग-'नोटबंदी से कुछ भी हांसिल नहीं होते देख फूलकर कुप्पा हुए भक्तों को साँप सूंघ गया।'
8-खीसें निपोरना
वाक्य प्रयोग- 'अब सरकार खीसें निपोर कर कह रही है कि उसका उद्देश्य तो देश को कैश लेस बनाना (जबरदस्ती से) था।'
9-आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
वाक्य प्रयोग-'नोटबंदी का उद्देश्य कालाधन निकालने के स्थान पर अचानक 'कैश लेस' बनाना हो गया,ये तो वही बात हुई कि आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।'
10- ऊँट की चोरी निहुरे-निहुरे
वाक्य प्रयोग-'किसे नहीं पता है कि सबसे ज्यादा कालाधन राजनीतिक पार्टियों के फण्ड के रूप में आता है,फिर भी सारे नेता(साहब भी) पाक़-साफ होने की बात करते हैं ये तो वही बात हुई ऊँट की चोरी निहुरे-निहुरे।'
11-लल्लो-चप्पो करना
वाक्य प्रयोग-'इस बीच देश की तमाम पार्टियां मर रहे ग़रीबो को फिर से अपनी ओर आकर्शित(फंसाने) के लिए लल्लो चप्पो कर रही हैं।'
12- ग़रीब की जोरू सारे गाँव की भौजाई
वाक्य प्रयोग- 'चाहे जो सरकार आ जाए कालेधन वाले मस्ती में रहते है,बिचारा ग़रीब ही पिसता है..सब ग़रीबो को ही लूटते हैं, कहावत है ग़रीब की जोरू सारे गाँव की भौजाई।'
13- ढ़पोर शंख होना
वाक्य प्रयोग- '.........नो कमेन्ट!
मैं 'साहब' का नाम बोल कर देशद्रोही नहीं बनना चाह रहा हूँ।'
-- दीपक शर्मा 'सार्थक'
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