हिंडनबर्ग एक प्रोपोगेंडा
अडानी ग्रुप को लेकर उपजे इस नए विवाद के बारे में कुछ भी कहने से पहले शेयर मार्केट को लेकर मेरी क्या सोच है ..ये मैं बता दूं। मेरी नजर में शेयर मार्केट अपने आप में एक स्कैम है।ये सट्टेबाजी दलाली और जुवां का बस एक सभ्य समाज में लीगलाइजेसन (वैधिकरण) भर है। यहां पर समाज और सरकार ने मिलकर आपको दलाली और जुवां खेलने की कानूनन छूट दे रखी है। इसका सबसे ताजा उदाहरण जबसे आईपीएल शुरू हुआ है तबसे आपने देखा होगा ! पहले सट्टेबाजी एक कानूनन अपराध था। फिर आईपीएल आने के बाद कुटिल बिजनेसमैन और साहूकारों ने सट्टेबाजी को एक लीगल जामा पहना दिया। अब आप ’ड्रीम एलेवेन’ और ऐसी ही तमाम ऑनलाइन माध्यमों से खुलेआम सट्टेबाजी कर सकते हैं। इसी तरह लॉस एंजेल्स में वैश्यावृत्ति को कानूनन मान्यता है। यानी कहने का मतलब ये है कि साहूकार व्यापारी हर उस चीज को जिसे वो बेच सकते हैं..उसे कानून को अपने मन मुताबिक तोड़–मरोड़ के वैध बना देते हैं और खुलेआम बेचते हैं। अब अडानी ग्रुप को लेकर उपजे ताजे विवाद पर आते हैं। 2014 से जबसे वर्तमान सरकार सत्ता में आई है तबसे ही अडानी का नाम गाहे बगाहे किसी न किसी बहाने चर्चा में आ ही जाता है...