द्रोपदी चरित्र

हा हा हा !
अंधे का पुत्र भी अंधा !
इन शब्दों में अपमान है
एक चक्रवर्ती राजा का !
रिस्ते में ससुर का !
विकलांगता का !
घर आए महेमान का !
अपने पति के छोटे भाई का !
साथ में परिवार का !
जाहिल दुर्योधन जैसे लोग
बदले में कर देते हैं 
इससे भी बड़ा अपमान !
और इतिहास उस बड़े
अपराध के आवरण से
ढक लेता है ऐसी ही
 स्त्रियों के अपराधों को!
लेकिन अंधे का पुत्र अंधा 
ही बीज है महाभारत का !
परिवार के नाश का !
हो भी क्यूँ न !
वो यज्ञ से पैदा ही हुई थी
कुरु वंश के नाश के लिए!

          ●दीपक शर्मा 'सार्थक!



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