ताजा ख़बरें बासी मर्म
मर्म- लाल फीता साही का जलवा है जबकि नेता निरंकुश हैं।
ख़बर 2 - कोरोना को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि बच्चे स्कूल नहीं आयेंगे। और शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वो रोज विद्यालय आकर वहां की दरों दीवार को पढ़ाकर उसका चहुंमुखी विकास करें।
मर्म- यदि शिक्षकों की भी छुट्टी कर दी गई तो विद्यालय चेक करने के नाम पर उनका शोषण करके धन उगाही कैसे की जाएगी, इसलिए शिक्षकों आ विद्यालय आना जरूरी है।
ख़बर 3- 72825 वाली भर्ती को अपने कार्यकाल के पांच साल तक फंसाकर उसका भर्ता बनाने वाले मुख्य विपक्षी दल ने अचानक घोषणा की है कि यदि वो सत्ता में आए तो OPS बहाल कर देंगे।
मर्म- पांच साल सत्ता में रहने के दौरान उनकी आत्मा ने उनको नहीं धिक्कारा, अब चुनाव जीतने के लिए सब करने को तैयार हैं।
ख़बर 4 - मुख्य विपक्षी दल द्वारा जबसे OPS बहाल करने की बात कही गई है तबसे सत्ता धारी दल का समर्थन करने वाले सारे भक्त उस पार्टी के अवैतनिक अर्थशास्त्री बन गए हैं। और दिन रात तरह-तरह के तर्क देकर उसकी आलोचना कर रहे हैं।
मर्म- धार्मिक और जातीय राजनीति इतनी जड़ तक लोगों के अंदर घुस गई है कि अब कर्मचारी ऐसे गंभीर मुद्दे पर भी एक मत न होकर जड़ गए हैं।
ख़बर 5 - सूत्रों की माने तो प्रमोशन के इंतजार में बैठे शिक्षकों के प्रमोशन की भी कोई सूचना नहीं है। कैश लेश चिकित्सा वाली मांग भी विधवा के सुनी मांग की तरह सुनी ही पड़ी है। होने वाले अन्तर्जनपदीय ट्रांसफर का ट्रांसफार्मर भी दग गया है।
मर्म- इस दुख की घड़ी में बस एक भजन याद आ रहा है, "हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता!"
©️ सार्थक
बहुत खूब ..यही सत्य है।।
ReplyDeleteधन्यवाद
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