बलात्कार

एक ने हवस मिटाई
दूसरे ने शरीर नोचा
तीसरे ने खेत में घसीटा 
चौथे ने ज़बान काटी 
ये सिलसिला यहीं नहीं रुका !
फिर पाँचवे ने रिपोर्ट नहीं लिखी
छठे ने सबूत मिटाए
सातवें ने जबरदस्ती जलाया
आठवें ने घर वालों को धमकाया 
नवे ने इसको कवर न करके
 केवल सुशांत की मौत से
टी आर पी कमाई !
दसवां बोला !
उनके राज्य में भी तो रेप हुआ,
वहाँ नहीं जाते!
ग्यारहवें  ने गरदन उचकाई
और कहा, "सब राजनीति है,
हमसे क्या मतलब !"
और इस तरह बारी-बारी से
सबने बलात्कार किया !

             ●दीपक शर्मा 'सार्थक'

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