धर्म संकट
" पंडित जी क्या हाल चाल हैं?" "बढ़िया है मौलवी साहब..अपने हाल चाल बताएं" पंडित जी ने शॉर्ट में अपने हाल चाल बताकर लगे हाथ मौलवी जी से भी उनके हाल पूछ लिए। "ख़ुदा की रहमत हैं पंडित जी" मौलवी साहब ने हर चीज़ में ख़ुदा को इनवाल्व कर लेने वाली अपनी चिर परिचित आदत के अनुसार उत्तर दिया। तब तक उधर से फादर डिसिल्वा निकल पड़े और अपने मित्र पंडित जी और मौलवी जी को एक साथ बात करते देख मजाक में बोले, " क्या बात है भाई, आज भगवान और ख़ुदा के बंदों के बीच क्या खिचड़ी पक रही है!" पंडित जी हंस कर बोले, हां..हां आप भी आ जाइए..बस क्राइस्ट की ही कमी थी।" पंडित जी की बात पर तीनों लोग हँसने लगे। फिर बातों-बातों में बात बढ़ी की तीनों लोग अपने अपने धर्म को लेकर तर्क करने लगे। उनके तर्क का मुद्दा आज की परिस्थितियों को लेकर नहीं बल्कि इस बात पर था कि भविष्य में कौन सा धर्म धरती पर सबसे अधिक फैलेगा। मौलवी जी अपने धर्म कि तरफ से तर्क देते हुए बोले, "इस बात पर सभी समाजशास्त्री सहमत हैं कि दुनियां में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म इस्लाम है। भविष्य में संसाधनों ...