दूरदर्शी बजट

इस बजट की सबसे मुख्य बात ये बहुत ही दूरदर्शी बजट है।
बजट इतना दूरदर्शी है की मध्यवर्ग को इसके दूर से ही दर्शन हो रहे हैं।

ये बजट इसीलिए दूरदर्शी है क्योंकि बजट बनाने वालों को पहले से ही भरोसा है कि वो आम चुनाव जीत रहे हैं।इसीलिए जो आम आदमी को दूर–दूर तक समझ में न आए, ऐसा दूरदर्शी बजट लेकर आए हैं।

बजट इसीलिए भी दूरदर्शी बनाया गया है ताकि सुदूर अपने फाइव स्टार होटलनुमा ऑफिस में बैठ के पूंजीवादी विशेषज्ञ, बजट के दूरदर्शी होने की लम्बी–लम्बी बकैती झाड़ सकें।

ऐसा माना जाता है कि मध्यवर्ग बड़ा दूरदर्शी होता है(कम से कम खयाली पुलाव तो पकाता ही है)इसीलिए खास कर मध्यवर्ग के लिए दूरदर्शी बजट बनाया गया है ताकि वो मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख सके।

बजट की दूरदर्शिता का इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि इस बजट में जिनको कुछ नहीं मिला है वो तो चुप हैं ही, लेकिन जिन्हें मिला है उनकी अभी तक समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उनको मिला क्या है।

 बजट का दूरदर्शी होना इसीलिए भी जरूरी है ताकि आम लोग अपनी प्रत्यक्ष समस्याओं जैसे गरीबी, महंगाई, टैक्स के नाम पर कटती जेब के बारे में न सोचें बल्कि ये सोचे की हजार साल बाद जब धरती पर एलियन आयेंगे तो हम उनका सामना कैसे करेंगे।

और हां, एक आखरी बार ! इस बजट में तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही गई है।ये भी एक तरह की दूरदर्शिता ही है, क्योंकि भविष्य में नेताओं की तेल मालिश में कहीं तेल की कमी न हो जाए।

                             © दीपक शर्मा ’सार्थक’




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