निपुण भारत


स्वप्न एक ही हम सबका
विद्यालय निपुण बनाना है
उद्यमशील बने भारत
इस स्वर्निम लक्ष्य को पाना है !

कलरव, किसलय, गिनतारा
बिगबुक से सीख रहे बच्चे
नया सत्र, नैसर्गिक शिक्षा
नई विधा अपनाना है !

बालवटिका विद्यालय में
बचपन खेल रहा जिसमे
बच्चों का व्यक्तित्व खिल रहा
विश्व पटल पर छाना है !

ड्रेस, पुस्तक, जूते–मोजे
सब फ्री मिल रहे इसीलिए
ताकि गरीब के बच्चों को
विद्यालय तक पहुंचना है

विषय जटिल लगते थे जो
अब खेल–खेल में सीख रहे
तकनीक नई, विज्ञान नया
’गतिविधि’ का ही ये जमाना है !

निपुण ब्लॉक, स्कूल निपुण
और जिला निपुण जिस दिन होगा
देश निपुण होगा और ये ही
सबसे बड़ा खजाना है !

                 ©️ दीपक शर्मा ’सार्थक’




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