साहब की आलोचना सुनकर आजकल भक्तों की मनःस्थिति कैसी है -
(1) दार्शनिक भक्त - ऐसे भक्त आजकल दार्शनिक हो गए हैं। " सब मोह माया है ..तुम क्या लेकर आए थे तुम क्या लेकर जाओगे। महामारी इसीलिए फैली है क्योंकि पाप भी बहुत बढ़ गया था। इसमे भला सत्ता सरकार क्या कर सकती है।"
(2) अर्थशास्त्री भक्त - ऐसे भक्त देश की अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन प्रस्तुत करके सरकार का बचाव करते हैं।"टेक्स आ नहीं रहा है व्यापार चौपट है तो ऐसे मे साहब क्या कर सकते हैं।"
(3) कर्त्तव्य परायण भक्त- " सरकार की तरफ मुह उठाकर क्या देखते हैं सब। हर किसी को अपना कर्तव्य निभाने की जरूरत है। ये टाइम सरकार की गलतियां निकालने का नहीं है।"
(4) इतिहासकार भक्त - "सब नेहरू की गलती है। 70 साल देश के लिए कुछ किया ही नहीं।"
(5) गुस्साया हुआ भक्त - "हमसे बुराई मत करना..वर्ना मार हो जाएगा। साहब जो करते हैं अच्छा ही करते हैं।"
(6) सुलझा भक्त - देखिए और कोई विकल्प भी तो नहीं है।सब चोर हैं।"
(7) आशान्वित भक्त - "अरे इन सब बीमारियो से मत डरो।
वो कहावत नहीं सुनी ," सब संवत लगे बीसा.. तब यहूदी बचे ना ईशा।" बस हम ही बचेंगे। और भारत विश्व गुरु बन जाएगा।

                      ©️ सार्थक 

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