याद रखा जाएगा

गिर पड़े तो क्या हुआ
हम फिर खड़े हो जाएंगे 
पर तेरे जुल्मों सितम को 
याद रखा जाएगा !

तू ख़ुदा है और तेरे 
वश में सभी इंसान हैं 
तेरे इस वहशी भरम को 
याद रखा जाएगा !

हर तरफ दहशत तेरी 
और खौफ़ का अम्बार है 
दर्द देने के चरम को 
याद रखा जाएगा !

है बड़ा मगरूर जो तू 
इंकलाबों को कुचल कर 
पर मिले तुझसे जख़म को 
याद रखा जाएगा !

         ● दीपक शर्मा 'सार्थक'




Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

एक दृष्टि में नेहरू

वाह रे प्यारे डिप्लोमेटिक

क्या जानोगे !