तथाकथित
जबसे मुझे पता चला है कि 'भारतरत्न' पुरस्कार, मुझे नहीं मिलेगा, मैं तड़प कर रह गया हूँ। 'नाॅवेल प्राइज़' भी मुझे नहीं मिलेगा ऐसे आसार मुझे लग रहे हैं। लेकिन मैं हताश होने वालों में नहीं हूँ। मैने अपना ख़ुद का पुरस्कार बना लिया है। मेरे पुरस्कार का नाम है, "तथाकथित पुरस्कार"। मेरा ये "तथाकथित पुरस्कार" सभी क्षेत्रों में दिया जाएगा। जिसकी आज मैं घोषणा कर रहा हूँ- बेस्ट "तथाकथित प्रधानसेवक" का पुरस्कार 'साहेब' को दिया जाता है। जिन्होंने अपने मालिक (जनता) के प्रयोग में आने वाली करेन्सी(नोट) बंद करके उनका हुक्का पानी ही बंद करा दिया। वो पहले ऐसे सेवक हैं जो अपने मनमाने फैसले अपने मालिक पर थोपते हैं। बेस्ट "तथाकथित गांधी" के पुरस्कार को लेकर माँ-बेटे में कम्पटीशन बहुत था, पर अंत में बेटा...माँ पर भारी पड़ा है, अत: "बेस्ट तथाकथित गांधी" का पुरस्कार राहुल को दिया जाता है। जिनमें एक भी लक्षण गांधी जैसे न होने पर भी बेहयाई के साथ अमने नाम के आगे 'गांधी' लगा रखा हैं। बेस्ट "तथाकथित समाजवादी" का पुरस्कार...