कुछ सीखो दुनियां से !

शर्म नहीं आती
दिल की बात
सरेआम कहते हो !
कोई सुनेगा तो
क्या कहेगा
समझेगा शायद
नशे में रहते हो !
शर्म नहीं आती
जैसे हो एकदम
वैसे ही दिखते हो !
कुछ सीखो दुनियां से
कि तहजीब से
कैसे रहते हैं!
कैसे मोहोब्बत को
सीने में ही
हलाल कर देते हैं!
कुछ सीखो दुनियां से
कि कैसे शराफत का
मुखौटा लगाकर
हवस को छुपाते हैं !
कुछ तो सीखो दुनियां से !

   © दीपक शर्मा 'सार्थक'

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