शर्म नहीं आती दिल की बात सरेआम कहते हो ! कोई सुनेगा तो क्या कहेगा समझेगा शायद नशे में रहते हो ! शर्म नहीं आती जैसे हो एकदम वैसे ही दिखते हो ! कुछ सीखो दुनियां से कि तहजीब से कैसे ...
किसी भी चीज़ की हद होती है यार ! चौबीस घण्टे बस संयोग..संयोग..संयोग ! अरे कभी वियोग भी होने दो ! कवियों लेखको का मानना है कि ये प्रेम नाम की कीड़ा दो ही परिस्थितियों में किसी व्यक...
ये नाजुक सूखे ख़ुश्क संबंधो का छूते ही बिखर जाने का डर ! ये गीली मिट्टी में रोपे सतही जज़्बातो का जड़ से उखड़ जाने का डर ! ये तल्ख ज़हर बुझे तीखे अल्फ़ाज़ो का सीने में गड़ जाने ...