तू ग़ुमान कर तू जवान है !

तू ग़ुमान कर तू जवान है..

तेरे हाथ में वक्त का तीर है
तेरे हाथ में ही कमान है
संजीदगी से जो सोच ले
क़दमों तले ये जहान है
तू ग़ुमान कर तू जवान है..


मत कर फिकर हो जा निडर
तेरी मुस्किलें आसान है
नई चुन डगर कुछ कर गुज़र
रच दे नया जो विधान है
तू ग़ुमान कर तू जवान है..


चाहे जीत हो चाहे हार हो
तू हर दशा में समान है
बस कर्म कर न अधर्म कर
गीता में कृष्ण का ज्ञान है
तू ग़ुमान कर तू जवान है..


जो भटक गया तो अटक गया
बिन लक्ष्य के बेजान है
मंज़िल पे तेरी हो नज़र
फिर हर तरफ उत्थान है
तू ग़ुमान कर तू जवान है..


तेरी शक्ति है तेरा अात्मबल
क्यों बेखबर बेध्यान है
ये चुनौतियां ढ़ह जाएंगी
अंदर तेरे तूफान है
तू ग़ुमान कर तू जवान है..

          ● दीपक शर्मा 'सार्थक'

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