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Showing posts from April, 2022

सोचें या न सोचें

पहली और सबसे जरूरी बात, सही से सोचना शुरू करें। इसी तरह कभी-कभी ये भी जरूर सोचे की आखिर आप क्या सोच रहे हैं। या यूं कह लें कि आखिर आप क्या सोचा करते हैं। और अगर आप बहुत बारीकी से सोचने के बाद ये समझने में सफल हो गए कि आखिर आप क्या सोच रहे हैं, तब इसके अगले चरण में आप ये सोचें कि आखिर आप जो सोच रहे हैं वही क्यों सोचते रहते हैं। ये भी सोचें कि कहीं ऐसा तो नहीं..कि आपकी सोच को कोई अदृश्य शक्ति, सोशल मीडिया या न्यूज चैनल, या पोस्टर बैनर के माध्यम से एक विशेष दिशा में सोचने को मजबूर कर रही है। ये भी सोचें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी सोच पर आपका कोई अधिकार ही नहीं हैं। कोई दूर बैठा अपने मायाजाल से आपकी सोच को बुन रहा है। और कहीं ऐसा तो नहीं कि आप अपनी ही सोच के जाल में फंसते जा रहे हैं। ये कुछ उसी तरह घटित होता है जैसे किसी प्रोडक्ट का एडवर्टाइज आप टीवी पर बार-बार न चाहते हुए भी देखते हैं। वो ऐड हज़ारों बार आपकी आखों के सामने से गुजरता हैं। आपके न चाहते हुए भी आपके दिमाग में वो प्रोडक्ट फीड हो जाता है। और इसपर आपका कोई वश भी नहीं है।  इस तरह यदि आप इस मायाजाल को सोचने और समझने में सफल हो...

मानव अधिकारी अमेरिका

विश्वास मानिए जैसे ही महान अमेरीका के वर्तमान विदेश मंत्री जी के मुह से "मानवाधिकार उलंघन" शब्द निकला होगा, वैसे ही हिरोशिमा और नागासाकी नामक शहरों में मारे गए करोड़ों नागरिकों ने असमान से उसके मुह पर थूका होगा। इन दोनों शहरों पर जब अमेरिका द्वारा परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया तो पूरे विश्व में इसकी थू थू हुई। युद्ध के जानकार लोगों ने जब उसके इस कृत्य पर सवाल उठाते हुए पूछा कि, " युद्ध में जापान तो वैसे भी हारने ही वाला था फिर आपने परमाणु बम का स्तेमाल क्यूँ किया। तो इस धूर्त अमेरिका ने जवाब दिया कि, "हम इस युद्ध को लंबा नहीं खींचना चाहते थे।" जबकि सच यह है कि इन बम धमाकों की धमक से वो पूरे विश्व को धमकाना चाहता था कि आज से पूरी दुनियां के हम चौधरी हैं। हमसे कोई पंगा नहीं ले सकता। थूका तो पूरे विश्व के मानवाधिकार संगठनो ने इसपर तब भी था जब विश्व युद्ध की आग में दुनियां जल रही थी और ये घटिया कैपिटलिस्ट देश, पूरे विश्व को हथियार बेंच रहा था।पर किया क्या जाये शुरू से ही महान अमेरिका के नेता मुह पर थुकवाने के आदी हो चुके हैं।  मानवाधिकार का हवाला देने पर अमेरिका क...