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Showing posts from March, 2022
रची ऋतुराज ने हर डाल पर कलियों की रंगोली  पकी फैसले हैं खेतों में छटा एकदम लगे पीली  गुलाबी रंग गालों का हुआ हुआ उड़ते गुलालो से  लगे मानो प्रकृति ही खुद मनाने को चली होली ! गिरी नफ़रत की दीवारें चले बनकर के सब टोली  ज़हर थी जो ज़बाने वो बनी अब प्रेम की बोली  जो उलझे थे बिना मतलब के इक दूजे से झगड़े में  भुला मतभेद मिलजुलकर मनाएं प्रेम से होली ! बरसता प्रेम फागुन में समेटो भर लो अब झोली  समूची सृष्टि ने मानो इसी दिन आंख है खोली  तरसते होंठ व्याकुल मन हृदय उद्विग्न था जिनका  बना रसमय सकल तन मन हुईं कुछ इस तरह होली !                                    ©️ दीपक शर्मा 'सार्थक'

नतीजों का नतीज़ा

वैसे तो भविष्य में क्या होगा इसको लेकर भविष्यवाणी करना मनुष्य के बस के बाहर की बात है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कयास जरूर लगाया जा सकता है। 2022 के पांच राज्यों के नतीजों के आधार पर उसमें भी खासकर उत्तर प्रदेश के नतीजों से आने वाले कल की कुछ झलक जरूर देखने को मिलती है। इन नतीजों से कम-से-कम हमको इतना जरूर पता चलता है कि भविष्य में भारत की राजनीति की दिशा क्या है। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की वापसी कोई मामूली घटना भर नहीं है। ये दर्शाती है कि उत्तर भारत के नागरिकों में किस हद तक भारतीय जनता पार्टी की जड़ें फैल चुकी हैं। हारने के बाद कोई कितना भी मजाक उड़ाए या कमियां निकाले पर अगर गहराई से मूल्यांकन किया जाये तो पता चलेगा की अखिलेश यादव ने बीजेपी के सामने अब तक का सबसे व्यवस्थित और मजबूत चुनाव लड़ा है। अखिलेश यादव ने अपने चुनावी प्रचार में नेतृत्व की उन ऊंचाईयों को छुआ जो किसी भी नेता के लिए आसान नहीं है। छोटे दलों को अपनी पार्टी से जोड़ने से लेकर प्रत्याशियों को टिकट देने तक अखिलेश की सूझबूझ और समझ की पराकाष्ठा को दर्शाता है। इतने बड़े प्रदेश के...