साम्यवादी प्रेम

दर्द ये आठ पहर देंगे
दवा के नाम ज़हर देंगे !

पूंजीवादी प्रेम तुम्हारा
जो बस पाना जानता है
मेरा 'सर्वहारा' स्वभाव है
दामन प्यार से भर देंगे !

तेरे मेरे वर्ग में यूं तो
इक संघर्ष सदा से है
तुम अवसर पाकर मारोगे
हम हथियार भी धर देंगे !

सब साधन सत्ता तेरी है
सारे स्रोत तुम्हारे हैं
मेरे पास हृदय है केवल
नाम तुम्हारे कर देंगे !

लेकिन 'भौतिक द्वंद्व' तम्हें भी
चैन नहीं लेने देगा
हम मिट कर भी 'साम्यवाद' का
एक विचार अमर देंगे !

       ● दीपक शर्मा 'सार्थक'

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