परिधि के उस पार
कहा जाता है कि एक पौधे के विकास के लिए दो आवश्यक शर्ते होती हैं पहली उसकी बीज की गुणवत्ता , दूसरा उसको प्रदान किया गया वातावरण। बीज में चाहे जितने ही गुण क्यों न हो अगर उसे ऐसे ही फेंक दिया जाये तो उसके विकास की संभावनाए समाप्त हो जाती है। यही नियम मनुष्य के विकास पर भी लागू होता है लगभग सभी मनोवैज्ञानिक इस पर सहमत हैं की आनुवंशिक गुणों के साथ वातावरण भी बच्चों के विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। भारतीय परिवेश में बाल विकास की क्या स्थिति है यह एक गंभीर प्रश्न है, यहाँ की शिक्षा पद्धति तथा सामाजिक वातावरण सभी प्रश्न के घेरे में हैं। यहाँ पर अभिभावक अपने बच्चो को पूँजी की तरह समझते हैं जिस तरह पूँजी का निवेश होता है, उस पर नियंत्रण रखा जाता है उसी तरह यहाँ अभिभावक भी बच्चों का जिस क्षेत्र में चाहते हैं निवेश करते हैं और उन पर नियंत्रण रखते हैं। उनके विचार, उनका द्रष्टिकोण सभी कुछ अभिभावक ही निर्धारित करते हैं। वे बच्चो के विचारों पर अपने खोखले आदर्शवाद और अनुशासन की मोटी परिधि बना देते हैं मजाल है कि कोई बच्चा इसके उस तरफ भी देख ले। वे हस्तांतरित विचार, परम...