ट्रंप चाल
वर्तमान समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ताश के पत्तों में खेले जाने वाले ’दहिला पकड़’ खेल में चुने गए ’ट्रंप के पत्ते’ का रुतबा एक सा नजर आ रहा है। जिन्होंने ये खेल नहीं खेला उनको बता दूं, ये एक ऐसा खेल है जिसमें एक वेराइटी वाले पत्ते को ट्रंप मान किया जाता है। खेल में कोई कितना भी बड़ा पत्ता फेंके किन्तु यदि उसके सामने ट्रंप की दुक्की भी आ गई तो वो उस दूसरे पत्ते पर भारी मानी जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति को उनका ये रुतबा, उनके प्रभावशाली देश की अर्थव्यवस्था से मिला हुआ है। राम चरित मानस में एक चौपाई से इसे समझा जा सकता है "परम स्वतंत्र न सिर पर कोई। भावइ मनहिं करहु तुम्ह सोई॥" और ये कोई आज की बात भी नहीं है, द्वितीय विश युद्ध के बाद से ही अमेरिका ने विश्व में अपनी पकड़ इतनी मजबूत कर ली है कि आज वो पूरे विश्व का चौधरी बना फिर रहा है। आज उस विषय पर चर्चा केवल इसलिए हो रही है क्योंकि अमेरिका ने ’एज1बी’ पर सालाना शुल्क एक लाख अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया है।टैरिफ वार के बीच ये एक और धमाका है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था हिल गई है। सबसे ज्यादा (लगभग70%) ये बीजा धारी भारतीय...