तब देखेंगे

शोख़ अदाएं तब देखेंगे
प्यार दिखाए तब देखेंगे

बहक गया हूं नशे में यारों
कोई उठाए तब देखेंगे !

सुनता हूं वो बहुत है अच्छा
पास तो आए तब देखेंगे !

ख़ता भी मेरी, रूठा भी मैं
कोई मनाए तब देखेंगे !

चोर घुसे हैं घर में, कोई 
शोर मचाए तब दिखेंगे!

वो देखो वो डूब रहा है
डूब ही जाए तब देखेंगे !

आग लगी है शहर में अपने
कोई बुझाए तब देखेंगे !

घड़ा पाप का अभी है खाली
फूट ही जाए तब देखेंगे !

रिश्ते में दरार है आई
टूट ही जाए तब देखेंगे !

           © दीपक शर्मा ’सार्थक’







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