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थोड़ा सा फरेब

थोड़ा फ़रेब खुद से ही करने के बदौलत एहसास-ए-ज़िन्दगी कि ज़मीं बरक़रार है ! उकता गया हूँ अब तो मोहोब्बत से इस क़दर दिल को सुकून का ही फ़कत इन्तज़ार है ! कुदरत बदल गई है खुदा भी बदल गया खुदप...