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Showing posts from July, 2019
नासमझ थे वो जो हरदम हुक्म देने में लगे थे और हम बस प्यार से ही अर्ज़ करते रह गये गलतफ़ैमी थी की इक दिन हम समझ लेंगे उन्हे जितना सुलझाया उन्हे हम खुद उलझ के रह गए हमको भी अफ़सोस है ...